HINDI ROMANTIC STORY- मै वो चाँद जिसका तेरे बिन न कोई आसमां
सुबह से कम से कम यह दसवीं बार होगा जब रितु के फोन पर अमित ने कॉल किया होगा…..आफिस के तमाम जरूरी कामों के बीच भी उसे यह बखूबी याद है की आज सुबह से ही रितु कॉल नही रिसीव कर रही….शुरू में जब दो तीन बार उसने कॉल रिसीव नही किया तो अमित को लगा की सो रही होगी पर जब ग्यारह बजने को आये और आठ दस बार भी कॉल करने पर सामने से कोई जबाब न आया तो उसे फ़िक्र सी होने लगी….!
एक मल्टीनेशनल कम्पनी में एच आर मैनेजर की नौकरी कर रहे अमित और एक मॉडलिंग एजेंसी में काम कर रही रितु एक साल से रिलेशनशिप में है…. प्रेमी प्रेमिका के रिश्ते से अलग अमित और रितु एक बेहद अच्छे दोस्त भी है…. एक सोशल साइट्स पर राजनैतिक बहस के दौरान दोनों का परिचय हुआ….दो इंसानो को करीब लाने के लिये समान विचारधारा का होना बड़ा सहयोग करता है….!
दोस्ती के दलदल में अंदर तक सने हुए दोनों जन कब प्यार के पुल पर बैठ चाहत के आसमान में उड़ रहे खुशियों के परिंदों को दाना डालने लगे पता ही नही चला….!
प्यार इंसान को मजबूत बनाता है इसका एहसास अमित तो तब हुआ जब दिन भर आफिस में सर खपा के आने पर रितु का एक सिंपल सा आई लव यु का मैसेज उसको तरो ताजा कर दिया करता है…. रितु के लिखे शब्द उसे शब्द नही संजीवनी से लगते है….!
बातों के दरमियां एक बार अमित ने जब रितु को पूछा की प्यार क्या होता है तो रितु ने बड़ा खूबसूरत सा जबाब दिया…!
हजारों किलोमीटर दूर बैठकर भी जब आपका एक सुकून भरा मेसेज आता है की यस आई एम् फाईन..हैड डिनर.. एंड नाउ गोइंग टू टाक मह्ह्ह् स्वीटहार्ट और उसे पढ़ के जो मेरे चेहरे पर जमाने भर की ख़ुशी आ जाती है…फोन को सीने से लगा लेती हूँ….शायद यही प्यार होता है…!
मेल को चेक करते हुए अमित एक बार रितु को कॉल करता है…. इस बार कॉल रिसीव हो जाती है…!
रितु…… व्हाट इज दिस यार….सुबह से कितने कॉल किये है…. कहा थी तुम….आखिर हुआ क्या है… कई दिन से नोटिस कर रहा हूँ तुम बदली बदली सी लग रही हो….मेरी वो प्यारी सी चुलबुली सी रितु कही खो सी गयी है…. मसला क्या है… अब कुछ बोलोगी भी की नही…अमित धारा प्रवाह बोल रहा है….!
ओह्ह्ह माय गॉड….इतने सवाल वो भी एक ही बार में?….मुझे बोलने तो दो….रितु के स्वर में शिथिलता है..!
ओके अब बोलो…बात क्या है… अमित ने फोन पर ध्यान लगाते हुए कहा..!
यार वो मैने न….नींद की गोलियां ली थी….पहली बार लिया था तो डोज का आइडिया न था….ज्यादा हो गयी…अभी तक सो रही थी…जस्ट अभी उठी हूँ… रितु ने सफाई देते हुए कहा.!
व्हाट….स्लीपिंग पिल्स…..? आर यु गोन्ना मैड आर व्हाट…अब इसकी क्या जरूरत पड़ गयी….अमित चिंता में है….!
अरे बाबा कल रात में नींद नही आ रही थी….बड़ा टेन्सन सा फील कर रही थी….रूम पार्टनर भी गांव गयी हुई है….उसकी ही गोलियां रखी थी…वही यूज कर ली…और कुछ नही…!
टेंशन में थी तो मुझसे बात कर सकती थी न….गोलियां खाकर सोने की क्या जरूरत थी….तुम्हे पता है गोलियों का ओवर डोज हो जाये तो जान भी जा सकती है…. अमित चिल्ला सा पड़ा..!
पता है मुझे…..वेसे भी कभी कभी इतनी टेंशन हो जाती है की मन करता है की….लाइफ का द एन्ड कर लू….रितु के स्वर में निरासा सी है….!
व्हाट….रितु…. इस वक्त अगर तुम सामने होती तो झापड़ मार् देता मै….. यार कोई दिक्कत हो तो मुझसे शेयर करो न….ये बेहूदा से ख्याल लाने की क्या जरूरत है….. आज तो कह दिया आगे से कभी न कहना नही तो मुझसे बुरा कोई न होगा….मुझे बोलो बात क्या है…. ईशु क्या है….. अमित गुस्से को शांत करते हुए बोला…!
अमित….घर के ईश्यूज है…. पापा अब ओवर एज हो गए है…. उन्हें मेरी फ़िक्र सी रहती है…. स्पेशली मेरी शादी को लेकर परेशान रहते है….. अब जब बड़े भैया को पहले शादी करना है तो अभी तक ऐसे ही बैठे हुए है….कई रिश्ते आये पर उन्हें कोई पसन्द ही नही आता है…. हालॉकि पापा और भैया को हम दोनों को रिश्ते के बारे में पता है और उन्हें इस बात से कोई दिक्कत भी नही है पर जब तक भैया की शादी नही हो जाती तब तक मेरी शादी भी होल्ड पर ही है… मै सोचती हूँ की भाभी आ जाये तो पापा का ख्याल रखने वाला कोई तो घर पर होगा…..दिक्कत यह है की बड़े भैया और पापा में सवांद का बड़ा आभाव है….पापा मुझसे अधिक खुले हुए है अपनी हर दिक्कत हर बात मुझसे कहते है…. भैया को यह समझ में ही नही आता है… हर बार पापा मुझसे ही सवालात करते है… रितु की आँखें नम हो चली है…!
ओह्ह तो यह बात है….. सबसे पहले तो तुम रिलैक्स हो…..और यह सोचो की मै आपकी बगल में आपका हाथ थाम के बैठा हूँ….. रितु आपकी हर दिक्कत हर परेशानी मेरी भी है….. आप अपनी लाइफ की लड़ाई में अब अकेले नही हो…..मै हरदम आपके साथ हूँ…. भैया की शादी क्यों नही हो रही इसके क्या कारण हो सकते है…? अमित ने रितु से पूछा…!
भैया कभी एक रिलेशन शिप में थे एक लड़की से बेहद प्यार करते थे…..कई साल वह रिश्ता चला फिर एक दिन अचानक से लड़की के घर वालो ने लड़की की शादी कर दी….भैया इस बात से काफी आहत से हो गए….रिश्तों को लेकर वह उदासीन से हो गए….अब जब शादी के और रिश्ते आते है तो वो उसे गम्भीरता से नही लेते है….. मैने और पापा ने कितनी बार पहल की पर जब भी उनसे इस बारे में बात करो वो गुस्सा हो जाते है….!
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तुम्हे पता है रितु रिश्तों का दूर होना कितना दुखद होता है… भैया की हालत को मै समझ सकता हूँ…. उनके दिल को जो ठेस आई है वह उससे उबर नही पा रहे है…. कई बार ऐसे होता है…की किसी और की सजा हम किसी और को देने लगते है…. तुम्हे कुछ करना नही है बस एक दिन भैया का मूड देखकर उन्हें प्यार से समझा दो की आप और पापा के सिवा उनका इस दुनिया में कोई नही है… कम से कम खुद के लिये नही तो आप दोनों के लिये ही शादी कर ले….कभी कभी नए रिश्ते का मलहम पुराने रिश्तों के जख्म को भर देता है…. हालांकि जख्म के निशान तो ता उम्र रहेगें पर उसमे से उठने वाली टीस खत्म हो जायेगी…अमित धीरे धीरे अपने दार्शनिक वाले मोड में जा रहा है..!
अरे बाबा सब कुछ करके देख लिये पर बात बन ही नही रही….रितु परेशान होकर बोली….!
इसका मतलब घी अब सीधी ऊँगली से नही निकलने वाला है… ऊँगली टेड़ी करनी ही होगी….वेसे एक बात बोलो रितु भैया पापा को मान तो देते है न….मतलब उनका ख्याल तो रखते है न….अमित पूछने लग गया…!
अरे क्यों नही…पापा की दवा डॉक्टर और उनके हेल्थ का ख्याल भैया ही तो रखते है…!
तब तो ठीक है…. एक काम करो रितु… हमारे प्लान में हमें थोडा सा झुठ बोलना होगा….थोडा सा एक्टिंग करनी होगी….थोडा इमोशन्स….थोड़ा ड्रामा मिक्स करना होगा…. अमित बोलता चला गया….!
करना क्या होगा….रितु ने उत्सुकता से पूछा…!
वेसे तो मै चाहता हूँ की पापा खूब जिये पर हम सब की भलाई के लिये थोडा सा झूठ बोलना होगा….डॉक्टर को भी अपने प्लान में शामिल कीजिये और पापा को भी….डॉक्टर भैया को बोलेगा की पिता जी के शरीर में कोई भी एक बड़े और बिचित्र अग्रेजी नाम वाली बीमारी के लक्षण दिख रहे है…. अब यह ज्यादा महीनें जिन्दा नही रहेंगे…. अब यहाँ से फिर पापा को एक्ट करना होगा….उन्हें भैया को यह एहसास दिलाना होगा की उनकी शादी ही अब उनके जीवन का आखरी मकसद है…. ख्वाहिश है….साइड से तुम भी भैया को कॉल कर कर करके यह बताना की पापा को उनकी शादी की बड़ी फ़िक्र है…. एक बार भैया मान गए और शादी हो गयी तो सब कुछ सामान्य हो जायेगा। पर इस बीच अच्छा परिवार और लड़की देखने की जिम्मेदारी आप पर होगी…रितु मदनवाल जी…. अमित ने हँसते हुए कहा….!
अच्छा अमित सक्सेना जी….अगर भैया को शादी के बाद पता चला की पापा ठीक थे उन्हें कुछ नही हुआ तो आपके पास क्या जबाब होगा..रितु हैरानी सी बोल पड़ी..!
अरे वो डाक्टर को फिर पकड़ लेंगे..न…वो भैया को समझा देगा की कुछ एक केस जिसमें फैमली का सपोर्ट और प्यार मिलता है उसमे ऐसे रोगी ठीक भी हो जाते है…..आपके पिता जी लकी है जो उन्हें आपके जैसा काबिल और फिक्रमन्द बेटा मिला….तारीफ के दो बोल जब डॉक्टर बोलेगा तो भैया का गुस्सा खुद ही पिघल जायेंगा…!
अरे वाह…. मैनेजर साहब इतना दिमाग क्यों लगाया जा रहा है…. रितु ने हँसते हुए अमित से पूछा…!
ताकि तुम्हे हरदम के लिये पा सकूँ…तुमने कहा था न की भैया की शादी होगी तभी अपनी होगी…इसलिये पहले साले साहब को सेट कर ले फिर खुद सेट हो जायेगे… अमित खिलखिला उठा…!
अच्छा तो मेरी मदद के नाम पर अपना जुगाड़ बनाया जा रहा है….?
रितु तुम्हे पता है मै वो चाँद हूँ जिसका तेरे बिना कोई आसमा नही है…. दिल के बेहद करीब हो…सच कहू तो तुम मेरे नसीब हो…!
अच्छा बस बस….. अब कॉल रखती हूँ बाबा…मुझे भी रेडी होना है…. आई लव यु….बय्य्य्य्य्य्य्य्य….
लव यू टू डियर…प्लीज़ टेक केयर आफ योरसेल्फ…एंड टेक्स्ट मी व्हेन यु गेट टाइम….!
कॉल डिस्कनेक्ट हो जाती है…. ऑफिस की चेयर पर बैठे अमित और रूम में सोफे पर पसरी पड़ी रितु दोनों की आंखों में अपने हमदम का चेहरा नाच रहा है..!
कहानी लेखक: विशाल सिंह