नौकरी छोड़कर AMAZON.COM कंपनी बनाने वाले JEFF BEZOS की प्रेरणादायक कहानी

दोस्तों आज में आपके साथ शेयर कर रहा हूँ Jeff Bezos की एक नौकरी छोड़कर amezon.com कंपनी बनाने की कहानी ! जैफ़ बेज़ोस दुनिया की उन गिनी-चुनी हस्तियों में से एक हैं, जिन्होंने अपने करामाती कामों से लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। ऐमज़ाॅन.काॅम की स्थापना कर उन्होंने लोगों की खरीदारी का तरीका ही बदल दिया। आपको जो कुछ भी चाहिए, आॅनलाइन आदेश कीजिए और सामान आपके दरवाजे पर हाजिर, वह भी बाजार से सस्ती कीमत पर। हाँ, वही जैफ़ बेज़ोस, जिनका जन्म एक नाबालिग माँ की कोख से हुआ और अठारह माह की उम्र में ही जिनका पिता उन्हें बेसहारा छोड़कर चला गया। जिन्होंने सौतले पिता की छत्रछाया में पढ़ाई की, नाना के यहाँ रहकर टेक्नोलाॅजी सीखी और फिर आकर्षक नौकरी छोड़कर आॅनलाइन बिजनेस में कूद पड़े। अपने गैरेज से ऐमज़ाॅन.काॅम की स्थापना की और अपनी मेहनत के बल पर एक प्रमुख डाॅट काॅम उद्यमी तथा अरबपति बन गए। ऐमज़ाॅन.काॅम आज अमेरिका की ही नहीं, पूरे विश्व की सबसे बड़ी आॅनलाइन रिटेलर कंपनी है।! इस पोस्ट में आप जानेगे की कैसे बेजोस ने कम्पनी शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत की और कैसे Amazon.com कम्पनी को सफलता के शिखर पर पहुंचाया ! ये पोस्ट आपके लिए एक तरह से business tips भी साबित हो सकती है तो आइये जाने जेफ़ बेजोस के बारे में !

jeff bezos quotes in hindi
Jeff Bezos

Name Jeff Bezos / जेफ़ बेजोस
Born
January 12, 1964
Albuquerque, New Mexico, U.S.
Nationality American
Field Technology Entrepreneur And Investor
Occupation founder And CEO of Amazon.com
“हमारा लक्ष्य संसार की सबसे ग्राहक-केन्द्रित कम्पनी बनना है” -जेफ़ बेजोस

जेफ़ बेजोस के अनमोल विचार एवं सफलता के मन्त्र

JEFF BEZOS QUOTES AND SUCCESS TIPS IN HINDI

दीर्घकालीन सोच रखे: jeff Bezos कहते है, ” यदि आप दीर्घकाल के बारे में सोचे, तो जीवन सम्बन्धी अच्छे निर्णय ले सकते है, जिन पर आपको बाद में अफ़सोस नही होगा |’ jeff Bezos ने हमेशा दीर्घकालन सोच और ‘न्यूनतम पश्चाताप’ की नीति का पालन किया है | कोई भी नया काम करते वक़्त बेजोस तात्कालिक नफे-नुकसान के बारे में नही सोचते है | वे दूरदर्शिता का इस्तेमाल करते है और लम्बे समय के बारे में सोचते है, भले ही निकट भविष्य में नुकसान हो जाये |

जब jeff Bezos नौकरी छोड़कर अमेज़न सुरु करने के बारे में सोच रहे थे, तब उन्होंने ‘न्यूनतम पश्चाताप’ की नीति के आधार पर निर्णय लिया | उन्होंने सोचा की 80 साल की उम्र में उन्हें नौकरी छोड़ने का अफ़सोस नही होगा; लेकिन इस बात का अफ़सोस जरुर होगा की उन्होंने ऑनलाइन गोल्ड रश से फायदा नही उठाया | उन्होंने बाद में कहा, ‘में जानता था की यदि में नाकाम हुआ, तो मुझे उसका अफ़सोस नही होगा, लेकिन में यह बात अच्छी तरह जानता था की कोशिश न करने का अफ़सोस हमेशा रहेगा |’ इसलिए उन्होंने कोशिश कर दी… और सफलता के शिखर पर पहुंच गये !

नवाचार (innovation) करे : नया काम करना सफल होने का सबसे आसान रास्ता है | jeff Bezos की सफलता का मूल मन्त्र यही है की उन्होंने पुस्तको की ऑनलाइन सेलिंग का नया काम शुरू किया | यही नही, इसके बाद भी वे नये काम करते गये | अपनी वेबसाइट Amazon.com पर उन्होंने कई नई विशेषताए जोड़ी, जैसे वन क्लिक शौपिंग, ग्राहक समीक्षा और ईमेल आर्डर वेरिफिकेशन | jeff Bezos से कहा था, ‘विकास न करना खतरनाक होता है |’ उन्होंने लगातार नवाचार(innovation) और विकास किया | Bezos अपने कर्मचारियों को नया काम करने के लिए प्रोत्साहित करते है | कई नये काम कारगर होते है, तो कई असफल भी हो जाते है | जैसे 1999 में अमेज़न ओक्सन के माध्यम से नीलामी सेवा का विचार पूरी तरह असफल रहा, लेकिन Bezos कहते है, ‘हम बहुत से अंधरे रास्तो पर आगे बढ़ते है और कभी – कभार हम ऐसी चीजे खोज लेते है, जो सचमुच काम करती है |’ किन्डल रीडर के माध्यम से E books की बिक्री Jeff Bezos का एक ऐसा नवाचार है, जिसने पुस्तक उधोग में क्रांति कर दी और अमेज़न को शिखर पर पहुंचा दिया |

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Photo Courtesy- Google Image
कम मार्जिन और ज्यादा वॉल्यूम की नीति पर चले: मार्जिन यानी मुनाफा | 10 रूपये की लागत के सामान को अगर आप 11 रूपये में बेचते है, तो मार्जिन कम है | अगर आप उसे 15 रूपये में बेचते है, तो मार्जिन ज्यादा है | अधिकांश सफल कम्पनियां कम मार्जिन और ज्यादा वॉल्यूम की नीति पर चलती है | अमेज़न की नीति भी यही है | Jeff Bezos का मानना है की ज्यादा मार्जिन में आदमी आलसी बन जाता है | कम मार्जिन पर सफल होने के लिए आपको मशक्कत करनी पड़ती है, कार्यकुशल बनना पड़ता है | अमेज़न ने लागत कम करने और कार्यकुशलता बढाने पर धयान केन्द्रित किया, ताकि ग्राहकों को कम कीमत में सामान मिल सके | इस नीति से फायदा ये होता है की अधिक ग्राहक आकर्षित होते है, ग्राहक बार बार सामान खरीदते है, मौखिक प्रचार होता है और कम्पनी की अच्छी छवि बनती है | कम मार्जिन की नीति की बदौलत ही अमेज़न ने इतना बड़ा कारोबार खड़ा किया है | शुरुआत में Jeff Bezos ने जो business plan बनाया, उसमे उन्होंने भविष्यवाणी की थी की पांच साल तक कंपनी को मुनाफा नही होगा | वाकई कंपनी को पहला मुनाफा 2001 में ही हुआ | Jeff Bezos ने इस बात को बड़े दिलचस्प अंदाज़ में व्यक्त किया है, ‘हम मुनाफे में है या नही, ये हमारे ग्राहकों की समस्या नही है | हम अपनी अक्षमता के लिए अपने ग्राहकों की जेब नही काटेंगे |’

ग्राहक की सेवा पर ध्यान केन्द्रित करे: कारोबार में कहा जाता है, ‘ग्राहक पहले नंबर पर आता है|’ लेकिन अधिकतर कम्पनियों के काम इसके विपरीत होते है | अमेज़न ने ग्राहक की सेवा को सर्वोपरी माना है| Bezos मानते है की ग्राहक से महत्वपूर्ण कुछ नही है | इसलिए वे कम मार्जिन की नीति पर चले, क्युकी अधिक मार्जिन से ग्राहक असंतुष्ट महसूस करते है | Bezos की नज़र में ग्राहक सेवा ही अमेज़न की सफलता का सबसे बड़ा कारन है, ‘यदि कोई एक कारन है, जिसकी बदौलत हमने पिछले छह सालो में इन्टरनेट पर हमारे साथियों से बेहतर प्रदर्शन किया है, तो वह यही है की हमने लेजर की तरह ग्राहक अनुभव पर ध्यान केन्द्रित किया है |’ उन्होंने अमेजन पर बिकने वाले सामान की संख्या भी इसलिए बढाई, ताकि ग्राहकों की ज्यादा से ज्यादा सेवा कर सके | उन्होंने कहा है, ‘ Amazon E-commerce की वह मंजिल बनना चाहती है, जहाँ ग्राहकों को हर चीज वह चीज मिल जाये, जो वे ऑनलाइन खरीदना चाहते है |

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मौखिक प्रचार पर ध्यान केन्द्रित करे: जब bezos ने amazon शुरू किया, तब उनके पास marketing budget नही था, इसलिए advertisement देने का कोई प्रश्न भी नही था | बाद में उन्होंने सोचा की सबसे अच्छा advertisement यही है की customer अपने Friends and relevant के सामने उनकी प्रशंसा करे | वे यह बात अच्छी तरह जानते थे की उनकी केवल ग्राहकों के मौखिक प्रचार से ही सफल हो सकती थी उन्होंने कहा है, ‘ यदि आप बेहतरीन अनुभव प्रदान करते है, तो ग्राहक एक दुसरे को इसके बारे में जरुर बताते है | मौखिक प्रचार बहुत शक्तिशाली होता है |’ इसलिए bezos ने अपने products और service को इतना उत्क्रष्ट बनाया की ग्राहक इसकी प्रशंशा और मौखिक प्रचार करे |

जेफ़ बेजोस के बारे में :

संसार के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल : amazon की सफलता के मन्त्र क्या है ? आखिर इसके संस्थापक जेफ़ बेजोस ने ऐसा क्या किया की amazon world में सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कम्पनी बन गई ? उन्हें eCommerce का पितामह क्यों माना जाता है और उन्होंने amazon को इन्टरनेट सेल्स के मोडल के रूप में कैसे विकसित किया ? ऐसा क्या हुआ की 3 कर्मचारियों से शुरू हुई कम्पनी में आज लगभग 200000 कर्मचारी काम करते है ? वे कौन से मन्त्र थे, जिन्हें पढ़कर वे संसार के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में आ गये ?

बचपन के सबक : पूत के पांव पालने में दिख जाते है, यह कहावत बेजोस के जीवन पर पूरी तरह चरितार्थ होती है है, क्युकी बचपन में बेजोस एक स्क्रुड्रायवर लेकर अपना पालना खोलने की कोशिश करते थे | जब वे थोड़े बड़े हुए, तो बिजली के उपकरणों में रूचि लेने लगे | उनके भाई कमरे में बगैर जानकारी के न घुसे, इसके लिए उन्होंने एक इलेक्ट्रिक अलार्म बनाया | जब वे चौथी कक्षा में थे, तो उनके स्कूल में मेनफ्रेम कंप्यूटर आया | बेजोस भला यह अवसर कैसे छोड़ देते , चूँकि किसी टीचर को कंप्यूटर चलाना नही आता था, इसलिए बेजोस और उनके साथियों ने मैन्युअल पढ-पढ़कर उसे चलाना सिखा | तब कौन जानता था की आगे चलकर वे कंप्यूटर पर ऑनलाइन रिटेल की क्रांति शुरू करने वाले है |

कंपनी की स्थापना : जेफ़ बेजोस ने जुलाई 1994 में अपनी कंपनी की स्थापना की और 1995 में इसकी शुरू की | बेजोस पहले तो इसका नाम केडेब्रा डॉट कॉम चाहते थे, लेकिन तीन महीने बाद उन्होंने इसका नाम बदलकर अमेज़न डॉट कॉम कर दिया | उन्होंने संसार की सबसे बड़ी नदी अमेज़न का नाम इसलिए चुना, क्युकी वे worlds biggest online bookseller बनना चाहते थे उनकी वेबसाइट ऑनलाइन बुकस्टोर के रूप में शुरू हुई, लेकिन बाद में यहाँ डीवीडी, सॉफ्टवेर,इलेक्ट्रॉनिक्स,कपडे इत्यादि भी बिकने लगे | अमेज़न कम्पनी गेरेज में शुरू हुई थी और वह भी केवल तीन कंप्यूटर से | ऑनलाइन बिक्री का सॉफ्टवेयर खुद बेजोस ने बनाया था और तीन लाख डोलर की शुरूआती पूंजी उनके माता-पिता ने लगायी | कम्पनी की स्थापना के वक़्त उनके पिता ने उनसे पहला सवाल यह पूछा था, ‘इन्टरनेट क्या होता है ?’ उनकी माँ ने बाद में कहा, ‘हम इन्टरनेट पर दांव नही लगा रहे थे हम तो जेफ़ पर दांव लगा रहे थे |’ माता-पिता का यह विश्वास शत-प्रतिशत सही साबित हुआ और अमेज़न के 6 प्रतिशत शेयर्स के मालिक होने के कारन सन 2000 में माता-पिता अरबपति बन गये |

शुरूआती संघर्ष : 16 जुलाई 1995 को जेफ़ बेजोस ने अपनी वेबसाइट पर पुस्तके बेचना शुरू कर दिया | पहले ही महीने अमेज़न ने अमेरिका के 50 राज्यों और 45 अन्य देशो में पुस्तके बेच डाली, लेकिन ये काम आशन नही था | जमीं पर घुटनों के बल बैठकर पुस्तको को पैक करना पड़ता था और पार्शल देने के लिए खुद भी जाना पड़ता था | पुस्तक की पैकिंग करते समय एक दिन जेफ़ बेजोस ने अपने साथी से पुछा, ‘तुम्हे पता है हमे इस काम को आसान बनाने के लिए क्या करना चाहिए ? ‘ साथी ने जवाब दिया, ‘हाँ घुटनों के निचे तकिया रख लेना चाहिए |’ जेफ़ बेजोस हंस पड़े और अगले ही दिन उन्होंने कुछ टेबल खरीद ली, ताकि उनपर किताबो की पैकिंग की जा सके | बेजोस की मेहनत रंग लायी और सितम्बर तक हर सप्ताह 20000 डोलर की बिक्री होने लगी |

Net Banking का युग प्रारम्भ किया : Jeff bezos ने amazon.com website शुरू करके इतिहास रच दिया | उन्होंने हमे इन्टरनेट के माध्यम से घर बैठे मनचाही पुस्तकें खरीदने की सुविधा दी | उन्होंने इन्टरनेट क्रांति की Beginning करते हुए online selling and net banking का युग शुरू किया | उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और Vision से एक ऐसा ब्रांड बनाया, जिसका Revenue US$ 88.988 billion (2014) है और दुनियाभर में 183,100 से ज्यादा कर्मचारी काम करते है (जुलाई 2015 तक के आंकड़े) |
Jeff bezos motivational quotes in Hindi
Jeff Bezos Launching Kindle Reader in 2007
महत्वपूर्ण मोड़ : 2007 तक अमेज़न डॉट कॉम ऑनलाइन बिक्री का स्थापित ब्रांड बन चुकी थी, लेकिन कम्पनी के इतिहास में महत्वपूर्ण नवम्बर 2007 में आया, जब अमेज़न ने अमेज़न किन्डल नाम ई-बुक रीडर बाजार में उतारा, जिसके माध्यम से पुस्तक को तुरंत डाउनलोड करके पढ़ा जा सकता था | इससे कम्पनी को भुत लाभ हुआ | इससे एक तो किन्डल की बिक्री बढ़ी, दुसरे किन्डल फोर्मेट में पढ़ी जाने वाली पुस्तको की बिक्री भी बढ़ी | ग्राहकों के लिए ये बहुत सुविधाजनक था, क्युकी अब उने पुस्तक के आने का इन्तजार नही करना पड़ता था और मनचाही पुस्तक मिनटों में उनके पास आ जाती थी किन्डल की सफलता आशातित थी नवम्बर 2007 में उतरने के छह घंटो के भीतर ही किन्डल का सारा स्टॉक बिक गया और अगले पांच महीनो तक यह out of stock रहा | किन्डल रीडर की बदौलत अमेज़न ने अमेरिका के 95 प्रतिशत ई-बुक व्यवसाय पर कब्ज़ा कर लिया | किन्डल अमेज़न कंपनी के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ, क्युकी इससे पुस्तको की शिपिंग की झंझट नाची, खर्च बचा, और स्थायी ग्राहक भी बन गये |

नायब विचार : कंप्यूटर साइंस के विशेषज्ञ जेफ़ बेजोस पढाई पूरी करके न्यूयॉर्क में फण्ड मेनेजर बन गये | अप्रेल 1994 में एक दिन नेट सर्फिंग के दौरान उन्हें पता चला की वेब का उपयोग करने वालो की संख्या हर साल 2300 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है | पलक झपकते ही उनके मन में विचार आया, क्यों न ऑनलाइन बिज़नस शुरू किया जाये ? इस विचार को साकार करने के लिए उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी | यकीनन यह बहुत बड़ा जोखिम था ! खास तौर पर तब, जब उनकी नई-नई शादी हुई थी | अब सवाल यह था की नेट पर बेचा क्या जाये ? घहरे विचार मंथन के बाद, अन्तत बेजोस ने पुस्तको को चुना… और बाकि इतहास है |

Timeline

1964 : Jeff bezos का जन्म हुआ |

1994 : Jeff bezos ने amazon.com नामक company की स्थापना की | उन्होंने इसका नाम ‘A” अक्षर से इसलिए रखा, ताकि internet search alphabetical order में यह जल्दी आये |

1995 : Amazon.com website शुरू हुई |

1997 : Amazon का IPO stock market में list हुआ |

1999 : First international website शुरू हुई |

2001 : कंपनी को पहली बार profit हुआ |

2007 : Amazon किंडल नामक e-book reader बाज़ार में आया |

2011 : टेबलेट कंप्यूटर के क्षेत्र में प्रवेश |

दोस्तों आपको Amazon – Online Marketing Ka Badshah: Jeff Bezos Ki Adbhoot Den Book Recommend कर रहा हूँ इसको जरुर पढ़िए इस पुस्तक में पढि़ए आॅनलाइल मार्केटिंग के बेताज बादशाह जैफ़ बेज़ोस और उनकी दिग्गज कंपनी Amazon.com की रोचक और प्रेरक दास्तान सरल भाषा में !

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